ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की देव प्रबोधिनी एकादशी को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह कराकर पुण्यात्मा लोग कन्या दान का फल प्राप्त करते है । तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी की नियमित पूजा से हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तुलसी विवाह के दिन व्रत रखने का बड़ा ही महत्व है। इस दिन श्रद्धा-भक्ति और विधिपूर्वक व्रत करने से इस जन्म के साथ-साथ पूर्वजन्म के भी सारे पाप मिट जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
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![Tulsi Vivah Katha](images/tulsi_vivah_katha.jpg)